Wednesday 27 April 2016

लो मेरे वालिद तेरे कदमों में

लो मेरे वालिद तेरे कदमों में
हमने अपनी रूह गिरवी रख दी
तूने बेबस को जमाना दिया
खेलने के लिए खिलौना दिया
रोटी-मकां का सहारा दिया
तेरे अहसानों के बदले में
लो मेरे वालिद तेरे कदमों में
हमने ये रूह गिरवी रख दी

ये जिंदगी तेरी गुलामी में है
भुलूंगी जो खता जवानी में है
इस दिले-नादां का खूं कर दूँगी
जहाँ बाँधोगे, खुद को बाँध लूँगी
लो मेरे वालिद, तेरी इज़्जत के लिए
हमने अपनी रूह गिरवी रख दी
मेरे आशिक तुझे जख़्म दे रही हूँ मैं
बेवफाई का रस्म निभा रही हूँ
आशिक को आँसू का सामां देकर
लो मेरे वालिद, तेरे कदमों में
हमने अपनी रूह गिरवी रख दी

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