Wednesday 13 April 2016

चेहरा




"तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता हैं 

तेरे आगे चांद पुराना लगता हैं"



"तिरछे तिरछे तीर नजर के चलते हैं


सीधा सीधा दिल पे निशाना लगता हैं"



"आग का क्या हैं पल दो पल में लगती हैं


बुझते बुझते एक ज़माना लगता हैं"



"सच तो ये हैं फूल का दिल भी छल्ली हैं


हसता चेहरा एक बहाना लगता हैं"

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