Monday, 4 April 2016

सफ़र


"सफ़र में धूप भी होगी चल सको तो चलो 
सभी है भीड़ में तुमभी निकल सको तो चलो" 

"किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती है 
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो" 

"यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम सभल सको तो चलो" 

"यही है ज़िन्दगी कुछ ख्वाब कुछ उम्मीदें 
इन्ही खिलोनों से तुम भी बहल सको तो चलो "

No comments:

Post a Comment