शेर-ओ-ग़ज़ल
Monday, 4 April 2016
इलज़ाम
"तू कही भी रहे सर पे तेरे इलज़ाम तो है
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है"
"मुझको तू अपना बना या न बना तेरी ख़ुशी
तू ज़माने में मेरे नाम से बदनाम तो है"
देख कर लोग मुझे नाम तेरा लेते हैं
इस पे मैं खुश हूँ मोहब्बत का ये अंजाम तो है"
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