Monday, 4 April 2016

समुन्दर

"अपनी आँखों के समुन्दर में उतर जाने दे 
तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे" 

"ऐ नए दोस्त मैं समझूँगा तुम्हे भी अपना 
पहले माजी का कोई ज़ख्म तो भर जाने दे" 

"आग दुनिया की लगी हुई बुझ जाएगी 
कोई आंसू मेरे दामन पे बिखर जाने दे" 

"ज़ख्म कितने तेरी चाहत से मिले है मुझको 
सोचता हूँ कहूँ तुझसे मगर जाने दे"

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