इस से पहले के बेवफ़ा हो जाये
क्यों ना ऐ दोस्त हम जुदा हो जाये
तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल क्या से क्या हो जाये
हम भी मजबूरियों का उज़्र करे
और कहीं और मुबतला हो जाये
इश्क़ भी खेल हैं नसीबों का
ख़ाक हो जाये या किमिया हो जाये
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