जाने किस की ख़ता थी याद नहीं
हम हुये कैसे जुदा याद नहीं
इक शोला सा उठा था दिल में
जाने किस की थी सदा याद नहीं
हम हुये कैसे जुदा याद नहीं
इक शोला सा उठा था दिल में
जाने किस की थी सदा याद नहीं
एक नग़्मा सा सुना था मैंने
कौन था शोला-नवा याद नहीं
रोज दोहराते थे अफसाना-ए-दिल
किस तरह भूल गया याद नहीं
तू मेरी जान-ए-तमन्ना थी कभी
ए मेरी जान-ए-वफ़ा याद नहीं
हम भी थे तेरी तरह आवारा
क्या तुझे बाद-ए-सबा याद नहीं
हाल-ए-दिल कैसे 'तबस्सुम' हो बयाँ
जाने क्या याद है क्या याद नही
कौन था शोला-नवा याद नहीं
रोज दोहराते थे अफसाना-ए-दिल
किस तरह भूल गया याद नहीं
तू मेरी जान-ए-तमन्ना थी कभी
ए मेरी जान-ए-वफ़ा याद नहीं
हम भी थे तेरी तरह आवारा
क्या तुझे बाद-ए-सबा याद नहीं
हाल-ए-दिल कैसे 'तबस्सुम' हो बयाँ
जाने क्या याद है क्या याद नही
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