शेर-ओ-ग़ज़ल
Wednesday, 13 April 2016
जज़्बात
"
मेरे अंदाज़ वो समझ न सके,
मेरे जज़्बात वो समझ न सके",
"वो समझ न सके मेरी मजबूरी,
मेरे हालात वो समझ न सके।"
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