Monday, 4 April 2016

तो गिला किससे करे


"दर्द जब तेरा दिया है तो गिला किससे करे 
हिज्र जब तूने दिया है तो गिला किससे करे" 

"अक्स बिखरा है तेरा टूट के आईने में 
हो गयी नम नज़र अक्स लिया किससे करे" 

"मै सफ़र में हूँ मेरे साथ जुदाई तेरी 
हम सफ़र ग़म है तो फिर तेरा पता किससे करे"  

"खिल उठे गुल या खिले दस्ते हिनाई तेरे 
हर तरफ तू है तो फिर तेरा पता किससे करे" 

"तेरे लब, तेरी निगाहें, तेरे आरिज़, तेरे ज़ुल्फ़
इतने जिंदा है है तो इस दिल को रिहा किससे करे"

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