शेर-ओ-ग़ज़ल
Saturday, 2 April 2016
बिजलियाँ
"तुम्हे है शौक अगर बिजलियाँ गिराने का
हमारा काम भी है आशियाँ बनाने का"
"भला वो कैसे समंदर के पार उतरेगा
कदम कदम जिन्हें डर है डूब जाने का"
"सुना है आप है माहिर हवा चलाने में
मगर हमें भी शौक है दिया जलाने का"
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