दोस्ती क्या चीज़ है ,,तुमको दिखाने आ गया।
प्यार में जो था किया ,,,वादा निभाने आ गया।
गीत उल्फ़त के तुम्हें फिर से सुनाने आ गया।
ज़िंदगी की रहगुज़ारों ,,,,,को सजाने आ गया।
ला पिला दे ,,दर्द जितने भी ,,,तेरे दामन में हैं।
देख दीवाना ,,,,,तुम्हारे ग़म ,,,,बंटाने आ गया।
ख़ार सब पलकों से चुन लूँ गा तुम्हारी राह में।
ज़िंदगी को ,,,सुर्ख़ फूलों,,, से सजाने आ गया।
मैं तो दस्तूरे-मुहब्बत ,,,,,,को निभाने के लिए।
ज़ख़्म सीने में दबा कर,,,,, मुस्कुराने आ गया।
है ये वादा,,,,, आरज़ू ,,,,,शादाब रक्खूं गा तेरी।
राह में तेरी ,,,,,हज़ारों गुल ,,,खिलाने आ गया।
प्यार में जो था किया ,,,वादा निभाने आ गया।
गीत उल्फ़त के तुम्हें फिर से सुनाने आ गया।
ज़िंदगी की रहगुज़ारों ,,,,,को सजाने आ गया।
ला पिला दे ,,दर्द जितने भी ,,,तेरे दामन में हैं।
देख दीवाना ,,,,,तुम्हारे ग़म ,,,,बंटाने आ गया।
ख़ार सब पलकों से चुन लूँ गा तुम्हारी राह में।
ज़िंदगी को ,,,सुर्ख़ फूलों,,, से सजाने आ गया।
मैं तो दस्तूरे-मुहब्बत ,,,,,,को निभाने के लिए।
ज़ख़्म सीने में दबा कर,,,,, मुस्कुराने आ गया।
है ये वादा,,,,, आरज़ू ,,,,,शादाब रक्खूं गा तेरी।
राह में तेरी ,,,,,हज़ारों गुल ,,,खिलाने आ गया।
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