शेर-ओ-ग़ज़ल
Thursday, 7 April 2016
अफ़सोस
अफ़सोस हवाओं ने ये क्या काम किया है
चेहरे को मेरे आज सर ए आम किया है
ज़ुल्फ़ो की गिरह खुल गई उनके नसीब से
लट-लट ने रुखे यार पे आराम किया है !
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