इश्क़ की मग्फिरत की दुआ कीजिये
इस सलीक़े से उन से गिला कीजिये
जब गिला कीजिये हंस दिया कीजिये
दूसरों पे अगर तबसीरा कीजिये
सामने आईना रख लिया कीजिये
आप सुख से हैं तर्क-ए-त'अल्लुक़ के बाद
इतनी जल्दी ना ये फैसला कीजिये
कोई धोखा न खा जाये मेरी तरह
ऐसे खुल के न सबसे मिला कीजिये
अक़्ल-ओ-दिल अपनी अपनी कहें जब खुमार
अक़्ल की सुनीये दिल का कहा कीजिये
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