Sunday 27 March 2016

जिंदगी दिल के राज तभी खोलती है

जिंदगी दिल के राज तभी खोलती है
जब किसी हुस्न की निगाह बोलती है
एक पल के लिए वो खयालों में आए
तो मन में सदियों का दर्द घोलती है
पलकों के उठने और गिरने के दरम्यां
आशिक की आंखों में उसकी सूरत डोलती है
कभी पास आके तो कभी दूर जाके
दो पलड़ों में उल्फत का वजन तोलती है

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