अंजाम ए मुहब्बत में बस इतनी कसर बाकी है
रोज मरने के अहसासों में जीने की लहर बाकी है
तुझे भूलने की कोशिश तो हम करते हैं रात-दिन
मगर फिर भी आंखों में तेरी सूरत का असर बाकी है
मेरी बर्बादियों को देखकर मुंह मोड़ गए सब लोग
इस हालत पे तरस खाने को बस तेरी नजर बाकी है
दुनिया की हर गली से चोट खाते हुए गुजर चुके
लेकिन तेरे संग चलने का वो आखिरी सफर बाकी है
रोज मरने के अहसासों में जीने की लहर बाकी है
तुझे भूलने की कोशिश तो हम करते हैं रात-दिन
मगर फिर भी आंखों में तेरी सूरत का असर बाकी है
मेरी बर्बादियों को देखकर मुंह मोड़ गए सब लोग
इस हालत पे तरस खाने को बस तेरी नजर बाकी है
दुनिया की हर गली से चोट खाते हुए गुजर चुके
लेकिन तेरे संग चलने का वो आखिरी सफर बाकी है
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