तेरी कसम तेरे वादों का चेहरा ।।
बदल गया मेरे ख्वाबों का चेहरा ।।
दो साँसे मुझमे भी रखदे तू अपनी ।।
कर दे मुझको भी किमामों का चेहरा ।।
बदल गया मेरे ख्वाबों का चेहरा ।।
दो साँसे मुझमे भी रखदे तू अपनी ।।
कर दे मुझको भी किमामों का चेहरा ।।
तू उठाता है बात जब भी कोई ।।
पिघलता है मेरी साँसों का चेहरा ।।
खुदा ने बक्शी है उसे भी क्या आँखें ।।
हर नज़र में है उन आँखों का चेहरा ।।
अजीब सा मदमस्त फिरा करता हूँ मैं ।।
जबसे दिल में है उन यादों का चेहरा ।।
इश्क़ करते रहे हैं सदियों से दोनों ।।
पत्थरों पर है आईनों का चेहरा ।।
कभी कभी सावन से तंगआकर मैंने ।।
तोड़ डाला है जज्बातों का चेहरा ।।
पिघलता है मेरी साँसों का चेहरा ।।
खुदा ने बक्शी है उसे भी क्या आँखें ।।
हर नज़र में है उन आँखों का चेहरा ।।
अजीब सा मदमस्त फिरा करता हूँ मैं ।।
जबसे दिल में है उन यादों का चेहरा ।।
इश्क़ करते रहे हैं सदियों से दोनों ।।
पत्थरों पर है आईनों का चेहरा ।।
कभी कभी सावन से तंगआकर मैंने ।।
तोड़ डाला है जज्बातों का चेहरा ।।
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