Sunday 27 March 2016

अपना या बेगाना कह दे

अपना या बेगाना कह दे ।।
पर मुझको दीवाना कह दे ।।
मुझको रख ले या तू रह जा ।।
क्या ये आना जाना कह दे ।।
मैं ही हूँ आइना तेरा ।।
या मेरा पैमाना कह दे ।।
इश्क़ हूँ मैं तेरा ये किस्सा ।।
दुनिया से रोज़ाना कह दे ।।
याद का तेरी एक लम्हा हूँ ।।
गढ़ा मुझे खजाना कह दे ।।
तूने ही लिखा है मुझको ।।
क्यूँ अब मुझे मिटाना कह दे ।।
छुपा ले अपनी आँखों में ।।
ख्वाब वही पुराना कह दे ।।
धड़कनों में सजाकर मुझको ।।
अपना तू अफ़साना कह दे ।।

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