Wednesday 30 March 2016

पुरानी बात बताते होंगे

पुरानी बात बताते होंगे
तो किस तरह लजाते होंगे।
मैं बहुत छोटा था, वो बड़े
गोद में खिलाते होंगे।
कितने मांसल हैं ये पेड़
व्यायाम को जाते होंगे।
रात की पाली खत्‍म हुई
श्रमिक नीचे आते होंगे।
बहुत बदबू है, सीलन है
महीनों में नहाते होंगे।
वजनदार होती है मिट्टी
कैसे डम्पर में चढ़ाते होंगे।
रात भी बजता है सायरन
कौन लोग बजाते होंगे।
अभी चला गया हुड़गा
अप्पाजी बुलाते होंगे।
पंपा – सरोवर है
लोग तालाब बताते होंगे।
ये बुढ़िया शबरी जैसी
राम भी आते होंगे।
यहीं कहीं किष्किंधा है
पर्यटक जाते होंगे।
मध्यान्तर में खड़ी है बच्ची
पापा खाना लाते होंगे।
( कन्‍न्‍ड में हुडगा – लडका, अप्‍पाजी- पिताजी)

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