जो भी दुनिया में मुहब्बत पे जाँनिसार करे
ऐसे दीवाने से आखिर क्यूँ कोई प्यार करे
रेत प्यासा सा तड़पता है हर साहिल पे
कितनी सदियों से वो लहरों का इंतजार करे
बाँटते रहते हैं वफा वो कई किश्तों में
बेवफाई का यहाँ जो भी कारोबार करे
चाहता हूँ, तेरे दामन का किनारा तो मिले
दिल भी आख़िर ये फरियाद कितनी बार करे
ऐसे दीवाने से आखिर क्यूँ कोई प्यार करे
रेत प्यासा सा तड़पता है हर साहिल पे
कितनी सदियों से वो लहरों का इंतजार करे
बाँटते रहते हैं वफा वो कई किश्तों में
बेवफाई का यहाँ जो भी कारोबार करे
चाहता हूँ, तेरे दामन का किनारा तो मिले
दिल भी आख़िर ये फरियाद कितनी बार करे
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