खत्म न होंगे ये दर्द कभी
याद रह जाएंगे हमदर्द सभी
जो बहता है, वो रूकता नहीं
हो जाएगा वो सर्द कभी
जाने किस बुत की इबादत में
हुआ फूलों का कत्ल अभी
जिस्म है जिसमें दिल ही नहीं
हो चुके हैं खुदगर्ज सभी
याद रह जाएंगे हमदर्द सभी
जो बहता है, वो रूकता नहीं
हो जाएगा वो सर्द कभी
जाने किस बुत की इबादत में
हुआ फूलों का कत्ल अभी
जिस्म है जिसमें दिल ही नहीं
हो चुके हैं खुदगर्ज सभी
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