जिधर भी नजर देखे, उधर हैं तेरे ख्वाब
मेरी जान तेरा हुस्न इतना लाजवाब
एक-एक लफ्ज पढ़कर रो पड़ा हूं मैं
जबसे मिली है मुझको इश्क की किताब
तेरे दर्द का धुआं उठ रहा है इस कदर
ये अगन दे रही है मुझे जख्म बेहिसाब
सीने में दिल तड़पकर पुकारता है तुझे
हर सांस तेरा ख्याल मुझे कर रहा खराब
मेरी जान तेरा हुस्न इतना लाजवाब
एक-एक लफ्ज पढ़कर रो पड़ा हूं मैं
जबसे मिली है मुझको इश्क की किताब
तेरे दर्द का धुआं उठ रहा है इस कदर
ये अगन दे रही है मुझे जख्म बेहिसाब
सीने में दिल तड़पकर पुकारता है तुझे
हर सांस तेरा ख्याल मुझे कर रहा खराब
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