बड़ी खूबसूरत तुम्हारी गजल है।
मासूम दिलकश प्यारी गजल है।
खिले फूल जिसमें मुहब्बत के कितने ,
बनी क्या गजब ये क्यारी गजल है।
मासूम दिलकश प्यारी गजल है।
खिले फूल जिसमें मुहब्बत के कितने ,
बनी क्या गजब ये क्यारी गजल है।
लिखी तुमने इसमें जितनी भी बातें ,
लगता है मानों हमारी गजल है।
मुझे रात भर नींद आती नहीं है ,
जेहन पे रहती जो तारी गजल है।
गजल तो कभी की खत्म हो गई पर ,
लगता है अब भी ये जारी गजल है।
हर इक शे'र पर चूम लेता हूँ इसको ,
रहती मगर फिर भी क्वाँरी गजल है।
लगता है मानों हमारी गजल है।
मुझे रात भर नींद आती नहीं है ,
जेहन पे रहती जो तारी गजल है।
गजल तो कभी की खत्म हो गई पर ,
लगता है अब भी ये जारी गजल है।
हर इक शे'र पर चूम लेता हूँ इसको ,
रहती मगर फिर भी क्वाँरी गजल है।
No comments:
Post a Comment