Monday, 21 March 2016

किसी चराग़ के बस में धुआँ नहीं होता

जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटायेगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
मैं उसको भूल गया हूँ ये कौन मानेगा
किसी चराग़ के बस में धुआँ नहीं होता

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