दिल बेजुबां है वरना हम बोल भी देते
हर राज अपने दिल का हम खोल भी देते
तुम हमपे तरस खाके देती हो शराब साकी
जो दिलबर तरस खाए तो पीना छोड़ भी देते
ये इश्क तो इकरार न इंकार है ऐ दोस्त
कभी आईना जो बोले तो उसे तोड़ भी देते
मेरे आशियां में फिर ढलने लगी है रात
उनकी याद ना आए तो जीना छोड़ भी देते
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