Wednesday, 23 March 2016

मेरी जिंदगी के सवालों का एक तू ही बस जवाब है

मेरी जिंदगी के सवालों का एक तू ही बस जवाब है
ये रातें है यही पूछतीं कि कहां तेरा माहताब है

जरा दिल में मेरे झांक लो, उठती कई लहरें यहां
इन धड़कनों में बह रहा तेरे दर्द का सैलाब है

अहसान है तेरा खुदा, जो मिल सकी न कोई दवा
जहां इश्क का ये रोग है, वहीं हुस्न का शबाब है

तन्हाई में वो बहक गया, दुनिया से दूर भटक गया
ये प्याला तेरे प्यार का कोई पी रहा बेहिसाब है

माहताब- चांद

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