नन्हीं नन्ही गुड़िया हूँ मैं
मीठी -मीठी पुड़िया हूँ मैं
मम्मी-पापा मत मारों मुझको
तुम्हारीं ही तो
छोटी-छोटी बिटिया हूँ मैं!
नन्हीं-नन्हीं गुड़िया हूँ मैं!!
आती है छुरी सीने में मेरे
चीख भी नहीं पाती हूँ
जोर-जोर से मैं..
जुबान भी हैं मेरी नन्ही -नन्ही
हाथ पैर हैं छोटे-छोटे
कुछ भी न कर पाती हूँ
चलती है जब छुरी सीने में मेरे
हिल-डुल भी नहीं पाती हूँ
तड़प-तड़प रह जातीं हूँ मैं
नन्हीं -नन्हीं गुड़िया हूँ मैं!!
चिड़िया जैसी हूँ मैं
खाना भी मैं क्या खाऊँगी
छोटी सी जान हूँ जब मैं
गुड़िया जैसी छोटी सी हूँ मैं
कपडे भी मैं कितना पहनूँगी
उदास तुमको न रहने दूंगी
अपनी तोतली बोली से मैं
मन तुम सबका बहलाउंगी मैं!
सारे घर को उपवन जैसा
हरदम महकाउंगी मैं!
नन्ही-नन्हीं गुड़िया हूँ मैं!!
मम्मी-पापा मत मारो मुझको
आ जाने तो मुझको इस जग में
तुम्हारी ही तो नन्ही-नन्ही
छोटी-छोटी बिटिया हूँ मैं।
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