कब तक लूटोगे
यारों कुछ तो
शर्म करो
चर्चा
में आने को
कोई उलटा कर्म
करो
छिपी
नहीं हैं आपकी
कोई कारगुजारियाँ
थोड़ा
रहम करो अपने
अंदाज नर्म
करो
जमाने
ने छीन ली है
रक्त की रंगीनियाँ
बस अपने
पेट भरो
अपनी जेबें
गर्म करो
भाई चारे
की तो हैं और
दुनिया की
बातें
लूट पाट
दंगे फसाद का
नया धर्म करो
साधु के
वस्त्रों में उड़ने लगा
जेट से
ये क्या
हुआ कैसे हुआ
लोगों मर्म
करो
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