अपने खुदा से जब-जब भी हम अपना मुक़द्दर मांगेंगे ,
और भले ही कुछ न मांगें, तुम्हें उम्र-भर मांगेंगे .
अब के सावन से हम भी फूलों का बिस्तर मांगेंगे ,
बारिश की गीली मिट्टी से छोटा सा घर मांगेंगे .
अब की बार घटाएं जब भी घर की छत पर उतरेंगी ,
अपनी प्यास सामने रख कर सात-समंदर मांगेंगे .
खोना-पाना एक बराबर जिसमे हो महसूस हमें ,
हम अपने महबूब से ऐसा जादू-मंतर मांगेंगे .
इश्क़ हुआ था जिस लम्हा हम तब ही जान गये थे ये,
कटा हुआ अपना सर देकर, झुका हुआ सर मांगेंगे.
मील का पत्थर तुम कहलाओ यही दुआ देकर तुमको,
हम अपने ख़्वाबों की खातिर नींव का पत्थर मांगेंगे .
जिनमे प्यार के तिनके -तिनके जोड़ के रक्खें जाते हैं,
हवा दिखाए खौफ़ भले हम वो ही छप्पर मांगेंगे
और भले ही कुछ न मांगें, तुम्हें उम्र-भर मांगेंगे .
अब के सावन से हम भी फूलों का बिस्तर मांगेंगे ,
बारिश की गीली मिट्टी से छोटा सा घर मांगेंगे .
अब की बार घटाएं जब भी घर की छत पर उतरेंगी ,
अपनी प्यास सामने रख कर सात-समंदर मांगेंगे .
खोना-पाना एक बराबर जिसमे हो महसूस हमें ,
हम अपने महबूब से ऐसा जादू-मंतर मांगेंगे .
इश्क़ हुआ था जिस लम्हा हम तब ही जान गये थे ये,
कटा हुआ अपना सर देकर, झुका हुआ सर मांगेंगे.
मील का पत्थर तुम कहलाओ यही दुआ देकर तुमको,
हम अपने ख़्वाबों की खातिर नींव का पत्थर मांगेंगे .
जिनमे प्यार के तिनके -तिनके जोड़ के रक्खें जाते हैं,
हवा दिखाए खौफ़ भले हम वो ही छप्पर मांगेंगे

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