इश्क अब उसके सिवा होता नहीं
दर्द सीने से जुदा होता नहीं।।
ज़ख्म इतने खाये है इस इश्क़ में
इनका हमसे तज़किरा होता नहीं।।
करके देखो जो भी है करना तुम्हे
सोचने से तो भला होता नहीं
वक्त ने हमको दिखाया आइना
हर किसी से राबता होता नहीं।।
बन्दे हो बन्दे ही बनकर के रहो
ज़ुल्म से ज़ालिम खुदा होता नहीं।।
दर्द सीने से जुदा होता नहीं।।
ज़ख्म इतने खाये है इस इश्क़ में
इनका हमसे तज़किरा होता नहीं।।
करके देखो जो भी है करना तुम्हे
सोचने से तो भला होता नहीं
वक्त ने हमको दिखाया आइना
हर किसी से राबता होता नहीं।।
बन्दे हो बन्दे ही बनकर के रहो
ज़ुल्म से ज़ालिम खुदा होता नहीं।।
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