दिल की तबियत खराब है कबसे
दवा ले के तू कभी आई तो नहीं
तू बेखबर मेरी नींद बर्बाद कर गई
रातभर तूने राहत दिलाई तो नहीं
दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह
जिस्म से मौत की ये सगाई तो नहीं
अब अंधेरा मिटेगा कैसे, तुम बोलो
तूने मेरे घर में शम्मा जलाई तो नहीं
दवा ले के तू कभी आई तो नहीं
तू बेखबर मेरी नींद बर्बाद कर गई
रातभर तूने राहत दिलाई तो नहीं
दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह
जिस्म से मौत की ये सगाई तो नहीं
अब अंधेरा मिटेगा कैसे, तुम बोलो
तूने मेरे घर में शम्मा जलाई तो नहीं
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