Saturday, 26 March 2016

मुल्क के संरक्षक ही भक्षक हो गए

मुल्क के संरक्षक ही भक्षक हो गए
आस्तीं के साँप सारे तक्षक हो गए

कहते हैं बह चुकी है बहुत सी गंगा
जब से विद्यार्थी सभी शिक्षक हो गए

गुमां नहीं था बदलेगी इतनी दुनिया
यहाँ तो जल्लाद सारे रक्षक हो गए

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