मेरी मज़बूरियों को तुम,
बेवफाई ना समझना......
थोड़ी सी दूरियों को तुम,
जुदाई ना समझना......
अपनी जुदाई की वजह,
दुनिया बनी तो क्या......
ज़माने की हसरतों को तुम,
ख़ुदाई ना समझना......
साथ जी सके न हम,
तो साथ ही मरेंगे......
इस दुनिया से तेरे साथ ही,
कूच हम करेंगे......
बस यही जहाँ है,
मोहब्बत के वास्ते......
ऐसी झूठी बातों को,
सच्चाई न समझना......!!
जुदाई ना समझना......
अपनी जुदाई की वजह,
दुनिया बनी तो क्या......
ज़माने की हसरतों को तुम,
ख़ुदाई ना समझना......
साथ जी सके न हम,
तो साथ ही मरेंगे......
इस दुनिया से तेरे साथ ही,
कूच हम करेंगे......
बस यही जहाँ है,
मोहब्बत के वास्ते......
ऐसी झूठी बातों को,
सच्चाई न समझना......!!
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