बात दिल की कह नहीं सकता किसी से।
जो मिली सौगात मुझको जिंदगी से।
हो गए हालात पैदा यूं अचानक ,
है नहीं ख्वाहिश मिलूं मैं अब किसी से।
जो मिली सौगात मुझको जिंदगी से।
हो गए हालात पैदा यूं अचानक ,
है नहीं ख्वाहिश मिलूं मैं अब किसी से।
अब चिरागों से मुझे इक खौफ लगता ,
हो गई मानों अदावत रौशनी से।
इस तरह घेरे हुए तन्हाईयाँ हैं ,
भीड़ में भी हूँ अलग हर आदमी से।
इस कदर धोखे दिए हैं हर किसी ने ,
मैं बचा करता हूँ हरदम दोस्ती से।
मैं ग़मों से एकदम घुल मिल गया हूँ ,
हो गया हूँ दूर अब तो हर खुशी से।
कर दिया अपनों ने जब से गैर मुझको ,
अजनबी लगते नहीं हैं अजनबी से।
हो गई मानों अदावत रौशनी से।
इस तरह घेरे हुए तन्हाईयाँ हैं ,
भीड़ में भी हूँ अलग हर आदमी से।
इस कदर धोखे दिए हैं हर किसी ने ,
मैं बचा करता हूँ हरदम दोस्ती से।
मैं ग़मों से एकदम घुल मिल गया हूँ ,
हो गया हूँ दूर अब तो हर खुशी से।
कर दिया अपनों ने जब से गैर मुझको ,
अजनबी लगते नहीं हैं अजनबी से।
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