तुम किसी से भूलकर भी प्यार ना करना।
गर कभी हो जाए तो इजहार ना करना।
इक इबादत की तरह बेशक इसे समझो ,
पर वफ़ा की चाहना इक बार ना करना।
गर कभी हो जाए तो इजहार ना करना।
इक इबादत की तरह बेशक इसे समझो ,
पर वफ़ा की चाहना इक बार ना करना।
चाहते हो गर सुकूं की जिंदगी जीना ,
हुश्न से नजरें कभी दो चार ना करना।
ये हकीकत है मुहब्बत है नहीं आसां ,
दो कदम बढ़कर कभी हद पार करना।
है कहाँ तकदीर में सबकी मुहब्बत हो ,
हाथ की रेखाओं का ऐतबार ना करना।
ये जिंदगी है खूबसूरत खुश रहो हरदम ,
प्यार की खातिर इसे दुश्वार ना करना।
जानता हूँ दिल नसीहत मानता कब है ,
ये कहे कुछ भी मगर इकरार ना करना।
हुश्न से नजरें कभी दो चार ना करना।
ये हकीकत है मुहब्बत है नहीं आसां ,
दो कदम बढ़कर कभी हद पार करना।
है कहाँ तकदीर में सबकी मुहब्बत हो ,
हाथ की रेखाओं का ऐतबार ना करना।
ये जिंदगी है खूबसूरत खुश रहो हरदम ,
प्यार की खातिर इसे दुश्वार ना करना।
जानता हूँ दिल नसीहत मानता कब है ,
ये कहे कुछ भी मगर इकरार ना करना।
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