अब तो दुखी नयन में भी पानी आता नही
प्रेम का प्याला लिए कोई दानी आता नही
.
सभी कर्मचारी हो गए है कर्म से विमुख
अधिकारी का दौरा तूफानी आता नही
.
समन्दर की लहरों से आने लगी है हवाएँ
कोई प्रेम झोंका रेगिस्तानी आता नही
.
स्वाभिमान के लिए घास की रोटी खाये
अब प्रताप जैसा राजस्थानी आता नही
.
धरती पर स्वर्ग बसा कश्मीर की वादी में
जन्नत का दिलदार सैलानी आता नही
.
परदेशियों के लिए सभी सरहदे हैं बन्द
अब कोई भी मुग़ल अफगानी आता नही
.
दिलों में आग लगाने वाले आते हैं बहुत
मगर समस्या का समाधानी आता नही
.
चिलमन में छुपे रहते तीखे खंजर नैन के
सामने किसी का चेहरा नूरानी आता नही
.
बिन दिल का तन लिए घूम रहे हैं लोग
अब कोई दिलदार मेहमानी आता नही
.
मुहब्बत से मुस्काता सबका दिल
अश्क से सींचे दिल का सानी आता नही।
प्रेम का प्याला लिए कोई दानी आता नही
.
सभी कर्मचारी हो गए है कर्म से विमुख
अधिकारी का दौरा तूफानी आता नही
.
समन्दर की लहरों से आने लगी है हवाएँ
कोई प्रेम झोंका रेगिस्तानी आता नही
.
स्वाभिमान के लिए घास की रोटी खाये
अब प्रताप जैसा राजस्थानी आता नही
.
धरती पर स्वर्ग बसा कश्मीर की वादी में
जन्नत का दिलदार सैलानी आता नही
.
परदेशियों के लिए सभी सरहदे हैं बन्द
अब कोई भी मुग़ल अफगानी आता नही
.
दिलों में आग लगाने वाले आते हैं बहुत
मगर समस्या का समाधानी आता नही
.
चिलमन में छुपे रहते तीखे खंजर नैन के
सामने किसी का चेहरा नूरानी आता नही
.
बिन दिल का तन लिए घूम रहे हैं लोग
अब कोई दिलदार मेहमानी आता नही
.
मुहब्बत से मुस्काता सबका दिल
अश्क से सींचे दिल का सानी आता नही।
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