तू है माना बेख़ता मेरी तरह ,
फिर भी काटेगा सज़ा मेरी तरह.
तंग अपने जिस्म से इतना है तो,
देखना होगा रिहा मेरी तरह.
सुख का वो लम्हा जिसे सब ढूँढ़ते ,
इन दिनों है लापता मेरी तरह.
हादसे रस्ता तुझे दिखलाएँगे,
उनको देता रह दुआ मेरी तरह.
छोड़ कर मुझको कहाँ अब जाएगी,
है घुटन भी बावफ़ा मेरी तरह.
हौंसला तुझमे अगर बाक़ी नहीं,
वक़्त को मत आज़मा मेरी तरह.
ज़िन्दगी छोटी बहर की है ग़ज़ल,
लिख इसे फिर गुनगुना मेरी तरह.
फिर भी काटेगा सज़ा मेरी तरह.
तंग अपने जिस्म से इतना है तो,
देखना होगा रिहा मेरी तरह.
सुख का वो लम्हा जिसे सब ढूँढ़ते ,
इन दिनों है लापता मेरी तरह.
हादसे रस्ता तुझे दिखलाएँगे,
उनको देता रह दुआ मेरी तरह.
छोड़ कर मुझको कहाँ अब जाएगी,
है घुटन भी बावफ़ा मेरी तरह.
हौंसला तुझमे अगर बाक़ी नहीं,
वक़्त को मत आज़मा मेरी तरह.
ज़िन्दगी छोटी बहर की है ग़ज़ल,
लिख इसे फिर गुनगुना मेरी तरह.
No comments:
Post a Comment