मंज़िल
पाने की
संभावना
नगण्य हो गई
व्यवस्था
में जनता और
अकर्मण्य हो
गई
जाने
कौन सा घुन लग
गया भारत तुझे
सत्यनिष्ठा
ही सबसे पहले
विपण्य हो गई
इतराए फ़िरते रहिए अपने
सुविचारों पर
अब तो
नकारात्मक
सोच अग्रगण्य
हो गई
हीर-रांझों
के इस देश को
क्या हुआ कि
दीवानों
की संख्या
एकदम नगण्य हो
गई
अब तक तो तेरेकर्मों को थीं
लानतें
क्या
होगा अब जो
सोच अकर्मण्य
हो गई
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