ये उम्र
और तारे तोड़
लाने की ख्वाहिशें
व्यवस्था
ऐसी और
परिवर्तन की ख्वाहिशें
आदिम
सोच की जंजीरों
में जकड़े
लोग
और
जमाने के साथ
दौड़ने की ख्वाहिशें
तंगहाल
घरों के लिए
कोई विचार है
नहीं
कमाल की
हैं स्वर्णिम
संसार की ख्वाहिशें
कठिन
दौर है ये नून
तेल और लकड़ी
का
भूलना
होगा अपनी मुहब्बतों
की ख्वाहिशें
जला
देंगे तुझे भी
दंगों में एक
दिन
फ़िर पालता क्यूँ
है भाई-चारे
की ख्वाहिशें
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