मुझको मत कोख में मारों,मेरी सुनलो दर्द कहानी !
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मेरा अंश जो तूने चलाया,मैं तेरे गर्भ में आई !
क्या हो गया तुमको मैया,मेरी साँसे जो मिटाई !!
क्या गलती इसमें मेरी,तूने चाहा तब मैं आई ,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
तेरे चैकअप के बहाने,आये दिन मैं छेड़ी जाती !
क्यूँ मासूम की कोमलता,चाकू से काटी जाती !!
जब टुकड़े-टुकड़े होती,मैं कुछ न तुम्हे कह पाती,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मैया तेरे इस आँगन में,मैं भी अब आना चाहती!
हर लूंगी सब अंधियारा,बनके दीपक की बाती!!
जब तुम हाथों से मारों,फटती होगी तेरी छाती, क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मैं खुशबू चन्दन जैसी,घर-आँगन सब महकाऊँ !
मैं बनकर तेरी छाया,तेरे संग में रहना चाहूँ !!
मैं तेरी गोद में आकर,तुझको खूब हँसाऊँ,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मुझसे ही दुनिया सारी,फिर क्यूँ मैं मारी जाती !
मैं फर्ज निभाऊं सारे,मेरी कीमत न जानी जाती !! भ्रूणहत्या सब रोकें,आने दें बिटिया रानी ,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मेरा अंश जो तूने चलाया,मैं तेरे गर्भ में आई !
क्या हो गया तुमको मैया,मेरी साँसे जो मिटाई !!
क्या गलती इसमें मेरी,तूने चाहा तब मैं आई ,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
तेरे चैकअप के बहाने,आये दिन मैं छेड़ी जाती !
क्यूँ मासूम की कोमलता,चाकू से काटी जाती !!
जब टुकड़े-टुकड़े होती,मैं कुछ न तुम्हे कह पाती,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मैया तेरे इस आँगन में,मैं भी अब आना चाहती!
हर लूंगी सब अंधियारा,बनके दीपक की बाती!!
जब तुम हाथों से मारों,फटती होगी तेरी छाती, क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मैं खुशबू चन्दन जैसी,घर-आँगन सब महकाऊँ !
मैं बनकर तेरी छाया,तेरे संग में रहना चाहूँ !!
मैं तेरी गोद में आकर,तुझको खूब हँसाऊँ,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
मुझसे ही दुनिया सारी,फिर क्यूँ मैं मारी जाती !
मैं फर्ज निभाऊं सारे,मेरी कीमत न जानी जाती !! भ्रूणहत्या सब रोकें,आने दें बिटिया रानी ,
क्यूँ मुझपे छुरी चलाई,क्यूँ दुनिया मेरी मिटाई!!
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