हम भी हैं तुम्हारे प्रीत की निशानी ,पापा प्रीत की निशानी।
दे दो हमें भी पापा ये जिन्दगानी ,ये जिन्दगानी॥
मैया तू हमको भी आँचल में छुपा लो,
हमको भी भैया संग लोरी सुना दो, लोरी सुना दो ॥
पढ-लिखकर हम भी मान बढाएंगें,
अपनी प्रीत से हम आंगन सजाएंगें,आंगन सजाएंगें।।
सारी जिंदगी तेरी छाया में बिताएंगें,
रिश्तों के हर बंधन को निभाएंगें,बंधन निभाएंगें।।
इस जिंदगी का कर्ज न भुलाएंगें,
चाहे रोएं जितना तुमको न रूलाएंगें, न रूलाएंगें।।
कोई गुनाह नही सजा देते हो तुम,
जीवन की डोर न तोड विनती हमारी सुन, विनती हमारी सुन ।।
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