इस भारत
का क्या हाल
हो रहा ज़रा देखिए
नेता
अफ़सर माला
माल हो रहा
ज़रा देखिए
दक्षिण
सूखा,
पश्चिम
सूखा पूरब की
क्या बात
उत्तर
बाढ़ से बुरा
हाल हो रहा
ज़रा देखिए
जिसने सीटी बजाई, व्यवस्था
की बातें की
होना
क्या है, वह काल
हो रहा ज़रा देखिए
कुरसी
के खेल में
तोड़ डाले सब
नियम
ये देश
तो मकड़
जाल हो रहा
ज़रा देखिए
प्रगति, विकास
के नारे, समाज़वाद साम्यवाद
ऐसा
पाखंड सालों
साल हो रहा
ज़रा देखिए
सभी लगे
हैं झोली अपनी
जैसे भी भरने
में
मूर्ख
अकेला लाल
हो रहा ज़रा देखिए
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