प्यार का जुनू जब दिलसे उतर जाये,
हँसते-हँसते नैन से नीर बरस जाये।।
सब-कुछ जब साफ नजर आ जाये,
दिल की बातें दिल मे न दबी रह पाये।
करीब रहकर भी जब कसक रह जाये,
जिंदगी अनसुलझी पहेली बन रह जाये।
घंघोर घटाये जब नभ मे फिर छा जाये,
हर दर्द बूंद-बूंद कर बरसता चला जाये।
उम्मीद का दामन हालात से उलझ जाये,
बक्त ही मौसम-दर-मौसम बदलता जाये।
जब गुल मैं रहकर गुलनार न खिल पाए,
जीवन मे बसंत-बहार कैसे आये-जाये।।
हँसते-हँसते नैन से नीर बरस जाये।।
सब-कुछ जब साफ नजर आ जाये,
दिल की बातें दिल मे न दबी रह पाये।
करीब रहकर भी जब कसक रह जाये,
जिंदगी अनसुलझी पहेली बन रह जाये।
घंघोर घटाये जब नभ मे फिर छा जाये,
हर दर्द बूंद-बूंद कर बरसता चला जाये।
उम्मीद का दामन हालात से उलझ जाये,
बक्त ही मौसम-दर-मौसम बदलता जाये।
जब गुल मैं रहकर गुलनार न खिल पाए,
जीवन मे बसंत-बहार कैसे आये-जाये।।
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