सियासत
में सारे
हृदयहीन हो गए
नफ़ा
नुकसान में
तल्लीन हो गए
कोई और
दौर होगा मोहब्बतों
का
अब तो
सारे रिश्ते
महीन हो गए
अजनबी
भी पूछने लगे हाले दिल
यकायक
कुछ लोग जहीन
हो गए
ज़ेहन
में यह बात
क्यों आती
नहीं
बड़े बड़े
शहंशाह भी
जमीन हो गए
जीना है बिखरे हृदय
के साथ
हर दर और
दीवार संगीन
हो गए
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