जन्नत
को समझे थे
यार की गली
उम्र
गुज़ारी
ढूंढने में
बहार की गली
इंकलाब
इतिहास की बात
है शायद
बन्द
किए हैं सबने
सुविचार की
गली
दर्द की
तफ़सील तो वो
ही बताएगा
जो चला
है किसी प्यार
की गली
याद दिलाने
का शुक्रिया
दोस्त पर
आज कौन
चलता है करार
की गली
बताने
चला है रंगीनियाँ
पर वो
चला ही
नहीं किसी
त्यौहार की
गली
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