दुख के श्मशान में एक कब्र है जीवन का
जिसे भी देखिए वो लाश सा नजर आए
दिल में हंसते हुए आए थे वो मैयत पे
चेहरे से जो गम में डूबे से नजर आए
जिन मजारों पे कोई फूल न दिखता हो
वो किसी आशिक के घर सा नजर आए
जो कफन को देखते हैं तेरे आंचल में
उसकी आंखों में तुमसे इश्क सा नजर आए
जिसे भी देखिए वो लाश सा नजर आए
दिल में हंसते हुए आए थे वो मैयत पे
चेहरे से जो गम में डूबे से नजर आए
जिन मजारों पे कोई फूल न दिखता हो
वो किसी आशिक के घर सा नजर आए
जो कफन को देखते हैं तेरे आंचल में
उसकी आंखों में तुमसे इश्क सा नजर आए
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